- रत्न रहस्यऔषधि मणि मंत्राणां-ग्रह नक्षत्रा तारिका।भाग्य काले भवेत्सिद्धिः अभाग्यं निष्फलं भवेत्।। रत्न शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है – “श्रेष्ठ”. रत्न प्राय: दो प्रकार के होते है- खनिज रत्न और जैविक रत्न। खनिज रत्न उन रत्नो को कहते है जो खानो से प्राप्त होते है। पृथ्वी के गर्भ में विभिन्न रासायनिक द्रव्य विद्यमान है,इन रासायनिक द्रव्यों… Read more: रत्न रहस्य
- “यन्त्र” रहस्य“ॐ ब्रह्मा मुरारि स्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशी भूमिसुतो: बुधश्च।गुरुश्च शुक्र: शनि: राहु केतव: सर्वे ग्रहा: शांति करा: भवन्तु।।” आज के वैज्ञानिक युग मे जो स्थिति रसायन विज्ञान की है,वही यंत्र विज्ञान की है। यंत्रवत(आधुनिक मशीन के समान) शीघ्रता से कार्य करने वाले रेखाचित्र तथा उनमे अंकित संकेताक्षरों तथा अंको के संयोजन को “यन्त्र”कहते है। काल चक्र… Read more: “यन्त्र” रहस्य
- बीज मंत्रो का रहस्यध्यानेन परमेशानि यद्रूपं समुपस्थितम् । तदेव परमेशानि मन्त्रार्थ विद्धि पार्वती ।। अर्थात् जब साधक सहस्रार चक्र में पहुंचकर ब्रह्मस्वरूप का ध्यान करते-करते जब स्वयं मंत्र स्वरूप या तादात्म्य रूप हो जाता है,उस समय जो गुंजन उसके हृदय-स्थल में होता है, वही मंत्रार्थ है।बीज मंत्रों का उच्चारण आपके आस-पास एक सकारात्मक उर्जा का संचार करता है,चमत्कारी… Read more: बीज मंत्रो का रहस्य