निशुल्क जन्मकुंडली (FREE KUNDLI HOROSCOPE) Kundli Horoscope

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मंत्र गणना
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साइड में नीचे की तरफ दिए WHATSAPP आइकॉन पर क्लिक करके WHATSAPP के माध्यम से अपना जन्म विवरण भेजें,नाम, जन्म तारीख, जन्म का समय(AM/PM) जन्म का स्थान(शहर और राज्य के साथ) और प्रश्न।

नियम

( नोट : अधिक जन्म कुंडलिया आने की वजह से निशुल्क जन्म कुंडली विश्लेषण के लिए सम्पर्क करने का समय 1-10 दिन लग जाता है, जिन्हे अपनी जन्म कुंडली के बारे में जानना हो और रूचि हो वही लोग संपर्क करें,अन्यथा अपना और हमारा कीमती समय व्यर्थ करने हेतु संपर्क ना करें और एक व्यक्ति की एक से अधिक कुंडली नहीं ली जाएगी। )

(विशेष जानकारी:: सही जानकारी भेजने वालो की ही कुंडली ली जाती है और WHATSAPP व CALLING नंबर दोनों आवश्यक है,परन्तु कुंडली की जानकारी कॉल द्वारा ही सम्भव है)

(विशेष :- प्रेम संबंध/प्रेम विवाह(love relationship / love marriage) के प्रश्न निशुल्क कुंडली में नहीं लिए जायेगे और जातक से निशुल्क कुंडली द्वारा सम्पर्क भी नहीं किया जायेगा )

(जन्म का विवरण ऊपर दिए फॉर्म द्वारा भेजे और ASTROLOGER(ज्योतिषी) द्वारा CALL पर सम्पूर्ण कुंडली के बारे में बिल्कुल निशुल्क (फ्री) जानकारी प्राप्त करे।(NOTE: पहली बार कुंडली निशुल्क देखी जाएगी और उसके बाद कभी भविष्य में फिर से उसी कुंडली को देखने का शुल्क 301₹ लिया जायेगा और निशुल्क कुंडली विवेचन में PDF कुंडली नहीं प्रदान की जाएगी।)

  • रत्न रहस्य
    औषधि मणि मंत्राणां-ग्रह नक्षत्रा तारिका।भाग्य काले भवेत्सिद्धिः अभाग्यं निष्फलं भवेत्।। रत्न शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है – “श्रेष्ठ”. रत्न प्राय: दो प्रकार के होते है- खनिज रत्न और जैविक रत्न। खनिज रत्न उन रत्नो को कहते है जो खानो से प्राप्त होते है। पृथ्वी के गर्भ में विभिन्न रासायनिक द्रव्य विद्यमान है,इन रासायनिक द्रव्यों में विभिन्न तापक्रम के द्वारा विभिन्न प्रकार की रासायनिक क्रियाये निरंतर… Read more: रत्न रहस्य
  • “यन्त्र” रहस्य
    “ॐ ब्रह्मा मुरारि स्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशी भूमिसुतो: बुधश्च।गुरुश्च शुक्र: शनि: राहु केतव: सर्वे ग्रहा: शांति करा: भवन्तु।।” आज के वैज्ञानिक युग मे जो स्थिति रसायन विज्ञान की है,वही यंत्र विज्ञान की है। यंत्रवत(आधुनिक मशीन के समान) शीघ्रता से कार्य करने वाले रेखाचित्र तथा उनमे अंकित संकेताक्षरों तथा अंको के संयोजन को “यन्त्र”कहते है। काल चक्र में ज्योतिषीय दृष्टिकोण से परेशानियों को दूर करने में मंत्र,रत्न,यंत्र का… Read more: “यन्त्र” रहस्य
  • बीज मंत्रो का रहस्य
    ध्यानेन परमेशानि यद्रूपं समुपस्थितम् । तदेव परमेशानि मन्त्रार्थ विद्धि पार्वती ।। अर्थात् जब साधक सहस्रार चक्र में पहुंचकर ब्रह्मस्वरूप का ध्यान करते-करते जब स्वयं मंत्र स्वरूप या तादात्म्य रूप हो जाता है,उस समय जो गुंजन उसके हृदय-स्थल में होता है, वही मंत्रार्थ है।बीज मंत्रों का उच्चारण आपके आस-पास एक सकारात्मक उर्जा का संचार करता है,चमत्कारी बीज मंत्र सिर्फ एकपदीय जप नहीं होते बल्कि वो आपके आस-पास… Read more: बीज मंत्रो का रहस्य
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निशुल्क जन्म कुंडली में आपका स्वागत है..आपका नाम, जन्म तारीख, जन्म समय(AM/PM), जन्म स्थान(CITY/STATE) व प्रश्न भेजें ।